Tuesday, August 11, 2020

कंप्‍यूटर मेमोरी क्‍या है ?-What is a Computer Memory in Hindi.

Memory

Computer की Memory User की Information को Store करने के लिए Use कि जाती है | Memory मुख्‍य रूप से दो प्रकार की होती है, Primary Memory और Secondary Memory | किसी भी Information या Data को स्‍थाई तथा अस्‍थायी रूप से Store करने के लिए Memory का Use किया जाता है | Primary Memory मे Data कुछ समय के लिए ही Store होता है अर्थात Primary Memory Volatile (अस्‍थायी) Memory है| Secondary Memory मे हम अपने Data को स्‍थायी रूप से Store किया जाता है, अर्थात Secondary Memory Non-Volatile (स्‍थायी) Memory है |

Types of Memory

Memory दो प्रकार की होती है-

1. Primary Memory

2. Secondary Memory

1). Primary Memory = Primary Memory मे Data कुछ समय के लिए ही Store होता है अर्थात Primary Memory Volatile (अस्‍थायी) Memory है| Primary Memory दो प्रकार की होती है-

1. RAM
2. ROM

1. RAM = RAM का Full Form Random Access Memory होता है | यह  Computer की Main Memory होती है, इसे Temporary Memory, Primary Memory भी कहा जाता है | यह एक Chip (चीप) की तरह होती है, जो Metal Oxide Semiconductor से बनी होती है | RAM मे उपस्थित सभी Information अस्‍थायी होती है, और जैसे ही Computer की विधुत सप्‍लाई बंद करदी जाती है वैसे ही सभी Information Automatic Delete हो जाती है | RAM एक Volatile Memory है | यह Hard Disk मे Data को Store करने और उसमे  उपस्थित Data को Read करने के लिए Use की जाती है |

RAM दो प्रकार की होती है-

1.1) SRAM = SRAM का Full Form Static Random Access Memory होता है |इसमे Data तब तक Store रहता है जब तक विधुत सप्‍लाई On होता है |इसमे Storage Cell Circuit मे एक से अधिक Transistor लगे होते है|इसमे Capacitor नही लगा होता है|यह अधिक Fast होने के कारण Cache Memory की तरह Use किया जाता है|यह DRAM की अपेक्षा Costly होती है|

1.2) DRAM = DRAM का Full Form Dynamic Random Access Memory होता  है | इसके Storage Cell Circuit मे ए‍क Transistor लगे होते है | इसमे एक Capacitor ल्रगा होता है, जो Electric Charge को Store कर सकता है | इसे बार-बार Refresh करने की आवश्‍यकता होता है |

2. ROM = ROM का Full Form Read Only Memory होता है|इस Memory मे Story Data तथा Information स्‍थायी( Non-Volatile ) होती है, जिस कारण इन्‍हे केवल Read जा सकता है, परन्‍तु इनके Data और Information को Change करना संभव नही है|ROM मे Present स्‍थायी Programs को BIOS( Basic Input Output System ) कहा जाता है|इस Memory मे उपस्थित Data और Information सथायी( Non-Volatile ) होने के कारण Computer की विधुत सप्‍लाई बंद हाने पर भी Data सुरक्षित रहता है|

ROM के निम्‍न प्रकार होते है-

2.1) PROM = PROM का Full Form Programmable Read Only Memory होता है|यह एक ऐसी Memory है, जिसमे एक Program की सहायता से Data या Information को स्‍थायी रूप से Store किया जाता है|ROM की तरह यह भी स्‍थायी होती है, जिसकी Information को Change नही किया जा सकता है|

2.2) EPROM = EPROM का Full Form Erasable Programmable Read Only Memory होता है|यह भी स्‍थायी Memory है क्‍योकि इसमे Store Information Computer बंद होने पर भी सुरक्षित रहती है |इसमे दोबारा Information को Store किया जा सकता है|इसके लिए ROM को  Ultra-bright Rays की सहायता से Erase किया जाता है, तथा बाद मे इसे एक EPROM Burner की सहायता से पुन: Reprogram भी किया जा सकता है|

2.3) EEPROM = EEPROM का Full Form Electrically Erasable Programmable Read Only memory होता है|इसमे Information को Erase करने के लिए ए‍क विशेष Software की आवययकता होती है, जिसे Computer के द्वारा Erase किया जा सकता है|इसमे आवश्‍यकता अनुसार Information Erase कर New Information Store की जा सकती है| 

Other Types Of Memory-

RAM,ROM के अतिरिक्‍त और कई प्रकार की Memory  होती है, जो CPU मे Use होती है |

1). Cache Memory = यह एक विशेष प्रकार की Memory है, जो अधिक Fast SRAM का Use करती है|यह किसी भी Process fastly Perform करने की सुविधा प्रदान करता है|सामान्‍यत: Process को RAM से कोई Data Read करने मे 180 Nano Second का समय लगता है, जबकि Cache Memory से आवश्‍यक Data केवल 45 Nano Second मे प्राप्‍त किया जा सकता है|Cache Memory के Use करने से आपके Computer की Performance बढ जाती है|

2). Virtual Memory = ये एक काल्‍पनिक Memory होती है|Virtual Memory CPU के निर्देश अस्‍थायी रूप से Story करती है|ये Main Memory की Storage Capacity को बढाती है, अर्थात ये RAM की कमी को पूरा करती है|

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