Wednesday, August 26, 2020

स्‍टोरेज फंडामेंटल क्‍या है ?- What is Storage Fundamental in Hindi.

Storage Fundamental

Computer मे स्‍टोरेज के लिए प्राइमरी या सेकेंडरी मेमोरी का उपयोग होता है|जहॉ प्राइमरी मेमोरी डेटा को अस्‍थायी रूप से स्‍टोर करती है, जबकि सेकेंडरी मेमोरी मे डेटा को स्‍थायी रूप से स्‍टोर करती है सेकेंडरी मेमोरी मे डाटा को रीड ओर राइट करने के लिए प्राइमरी मेमोरी का उपयोग किया जाता है|प्राइमरी मेमोरी को मेन मेमोरी या इंटरनल मेमोरी भी कहते है|जबकि सेकेंडरी मेमोरी को ऑक्जि़लरी मेमोरी भी कहा जाता है| 


मेमोरी दो प्रकार की होती है-
1. Primary Memory
2. Secondary Memory


1). Primary Memory = प्राइमरी मेमोरी मे डाटा कुछ समय के लिए ही स्‍टोर होता है अर्थात प्राइमरी मेमोरी Volatile (अस्‍थायी) मेमोरी है| प्राइमरी मेमोरी दो प्रकार की होती है-

1. RAM
2. ROM


1) RAM = RAM का  फुल फॉर्म Random Access Memory होता है|ये  Computer की मेन मेमोरी होती है, इसे अस्‍थायी मेमोरी या प्राइमरी मेमोरी भी कहा  जाता है|यह एक Chip(चीप) की तरह होती है, जो मेटल ऑक्‍साइड सेमीकंडक्‍टर से बनी होती है |RAM मे उपस्थित सभी जानकारी अस्‍थायी होती है, और जैसे ही Computer की विधुत सप्‍लाई बंद करदी जाती है वैसे ही सभी जानकारी ऑटोमेटिक डिलीट हो जाती है|RAM एक वोलेटाइल मेमोरी है|यह हार्ड डिस्‍क मे डाटा को स्‍टोर करने और उसमे  उपस्थित डाटा को रीड करने के लिए उपयोग की जाती है |

RAM दो प्रकार की होती है-

1. SRAM = SRAM का फुल फॉर्म Static Random Access Memory होता है|इसमे डाटा तब तक स्‍टोर रहता है जब तक विधुत सप्‍लाई On होता है|इसमे स्‍टोरेज सेल सर्किट मे एक से अधिक ट्रांजिस्‍टर लगे होते है|इसमे कैपेसिटर नही लगा होता है|यह अधिक तेज होने के कारण कैश मेमोरी की तरह उपयोग किया जाता है|यह DRAM की अपेक्षा महंगी होती है |

2. DRAM DRAM का फुल फॉर्म Dynamic Random Access Memory होता है|इसके स्‍टोरेज सेल सर्किट मे ए‍क ट्रांजिस्‍टर लगे होते है|इसमे एक कैपेसिटर ल्रगा होता है, जो इलेक्ट्रिसिटी चार्ज को स्‍टोर कर सकता है|इसे बार-बार रिफ्रेश करने की आवश्‍यकता होता है|

2) ROM = ROM का फुल फॉर्म Read Only Memory होता है|इस मेमोरी मे स्‍टोर डाटा तथा जानकारी स्‍थायी( Non-Volatile ) होती है, जिस कारण इन्‍हे केवल रीड जा सकता है, परन्‍तु इनके डाटा और जानकारी को चेंज करना संभव नही है|ROM मे Present स्‍थायी प्रोग्राम को BIOS(Basic Input Output System) कहा जाता है|इस मेमोरी मे उपस्थित डाटा और जानकारी स्‍थायी (Non-Volatile) होने के कारण Computer की विधुत सप्‍लाई बंद हाने पर भी डाटा सुरक्षित रहता है|

ROM के निम्‍न प्रकार होते है-

1. PROM = PROM का फुल फॉर्म Programmable Read Only Memory होता है|यह एक ऐसी मेमोरी है, जिसमे एक प्रोग्राम की सहायता से डाटा या जानकारी को स्‍थायी रूप से स्‍टोर किया जाता है |ROM की तरह यह भी स्‍थायी होती है, जिसकी जानकारी को चेंज नही किया जा सकता है|


2. EPROM =  EPROM का फुल फॉर्म Erasable Programmable Read Only Memory होता है|यह भी स्‍थायी Memory है क्‍योकि इसमे स्‍टोर जानकारी Computer बंद होने पर भी सुरक्षित रहती है|इसमे दोबारा जानकारी को स्‍टोर किया जा सकता है|इसके लिए ROM को किरण की सहायता से Erase किया जाता है, तथा बाद मे इसे एक EPROM बर्नर की सहायता से पुन: Reprogram भी किया जा सकता है|


3. EEPROM = EEPROM का  फुल फॉर्म Electrically Erasable Programmable Read Only memory होता है|इसमे जानकारी को Erase करने के लिए ए‍क विशेष Software की आवश्‍यकता होती है, जिसे Computer के द्वारा Erase किया जा सकता है|इसमे आवश्‍यकता अनुसार जानकारी Erase कर New जानकारी स्‍टोर की जा सकती है|  


2). Secondary Memory
सेकेंडरी मेमोरी, Computer मे बाहर भौतिक रूप से लगाए जाते है|इस तरह के स्‍टोरेज से डाटा लंबे समय तक स्‍टोर रहता है|सेकेंडरी मेमोरी मे डाटा को हमेशा के लिए स्‍टोर किया जा सकता है|सेकेंडरी मेमोरी मे संग्रहित किया गया डाटा Computer को On/Off करने पर भी नष्‍ट नही होता है|सेकेंडरी मेमोरी को Optional या ऑक्जि़लरी मेमोरी भी कहा जाता है|इसमे डाटा को रीड और राइट करने के लिए प्राइमरी मेमोरी की आवश्‍यकता होती है|इसमे डाटा अधिक समय के लिए और स्‍थायी रूप से संग्रहित करने के लिए उपयोग किया जाता है|इसे डाटा को संग्रहति करने के साथ साथ डाटा को ट्रान्‍सफर करते के लिए उपयोग किया जाता है| सेकेंडरी मेमोरी के उपयोग से बैकअप भी तैयार किया जाता है, जो डाटा के सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्‍वपूर्ण होता है|सेकेंडरी स्‍टोरेज डिवाइस के अंतर्गत निम्‍न प्रकार के स्‍टोरेज डिवाइस आते है|

1) Hard Disk = यह भी Magnetic डिस्‍क का एक प्रकार है|यह एक निश्चित स्‍थान पर फिक्‍स होती है इसलिए इसे Fixed Disk भी कहा जाता है|हार्ड डिस्‍क धातु के अनेक पैलेटरस का समुह होती है|यह Computer मे मेन स्‍टोरेज डिवाइस के रूप मे उपयोग की जाती है|यह Computer मे अलग अलग आकार मे उपयोग की जाती है|हार्ड डिस्‍क के अन्‍दर एक डिस्‍क घुमती है|

यह डिस्‍क जितनी तेजी से घुमती है, उतनी तेजी से डाटा Store और Restore किया जाता है|हार्ड डिस्‍क मे डिस्‍क के घुमने की गति को RPM( Revolutions Per Minute) मापा जाता है|हार्ड डिस्‍क मे डिस्‍क के घुमने की गति 5400 RPM से 7200 RPM की होती है|

2). Floppy Disk = Floppy Disk प्‍लास्टिक की बनी होती है|यह बहुत सी लचीली प्‍लेटो से बनी होती है|यह बहुत नाजुक होती है, इसलिए इसके उपर एक प्‍लास्टिक का एक कवर लगा होता है|इस प्‍लास्टिक के कवर को प्‍लास्टिक जैकेट कहते है|Floppy के केंद्र मे एक बिंदु बना होता है, जिससे ड्राइव की डिस्‍क घुमती है|एक Floppy Disk मे 80 ट्रैक्‍स होते है, जिनमे से प्रत्‍येक ट्रैक पर 64 वर्ड्स आ सकते है|Floppy Disk के घुमने की गति  360 RPM होती है|

3). ZIP Drive = ZIP Drive एक उच्‍च क्षमता वाली Floppy Disk Drive है|ZIP Drive Floppy Disk की तुलना मे आकार मे बडी लगभग Floppy Disk से दुगनी होती है|इसका उपयोग मुख्‍य रूप से Personal Computer फाइल का बैकअप लेने और डाटा का संग्रहण करने के किये किया जाता है|इसकी संग्रहण क्षमता 100 MB हाती है|

4).  Compact Disk = CD एक विशेष प्रकार की डिस्‍क होती है|इसे CD ROM के नाम से भी जाना जाता है|यह ए‍क ऐसा किरण माध्‍यम होता है  जो हमारे डिजिटल डाटा को सुरक्षित करता है|यह भी Resion पदार्थ का बनी होती है|इसकी सहत पर एल्‍युमीनियम का लेप लगा होता है, जो कि Reflation का गुण रखता है|इसकी सतह पर लेसर बीम की सहायता से प्रकाश डाला जाता है जिससे डाटा रीड और राइट किया जाता है|CD की संग्रहण क्षमता 700 MB होती है|Computer मे CD का उपयोग करने के लिए CD Drive की आवश्‍यकता होती है|

5). DVD = इसे Digital Versatile Disk और Digital Video Disk के नाम से भी जाना जाता है|आजकल Computer मे  CD-ROM की जगह DVD-ROM का उपयोग किया जाता है|DVD की क्षमता CD की तुलना मे अधिक होती है|DVD ROM मे Compression तकनीक का प्रयोग किया जाता है, जिसके फलस्‍वरूप इनकी संग्रहण क्षमता दोगुनी होती है|DVD की  संग्रहण क्षमता 4.7 GB होती है|DVD दिखने ते बिल्‍कुल CD की तरह होती है, परन्‍तु  इसे CD Drive पर नही चलाया जा सकता है इसके लिए  DVD Drive की आवश्‍यकता होती है|

6). Pen Drive = इसे Flash Drive के नाम से जाना जाता है|यह एक External Storage डिवाइस है, जो USB से Computer मे कनेक्‍ट की जाती है|इसे  Computer मे अलग से उपयोग किया जाता है|पेन ड्राइव 2 GB से 256 GB तक उपलब्‍ध है|इसमे डाटा को रीड, राइट तथा अपडेट किया जा सकता है|

7). Memory Card = Memory Card एक छोटा संग्रहण माध्‍यम है|इसका उपयोग अधिकतम मोबाइल फोन और डिजिटल कैमरा मे किया जाता है|मेमोरी कार्ड को Computer मे कनेक्‍ट करने के लिए स्‍मार्ट कार्ड रीडर की आवश्‍यकता होती है|मेमोरी कार्ड कई आकार मे बाजारो मे उपलब्‍ध है|जैसे- Micro SD, MMC (Multi Media Card), Mini Cards, Nano Cards etc.


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