Monday, August 31, 2020

ऑपरेटिंग सिस्‍टम के प्रकार क्‍या है ?-What are the types of Operating System in Hindi.

          Types of Operating System


ऑपरेटिंग सिस्‍टम आवश्‍यकताओ के अनुसार निम्‍न‍लि‍खित होते है-

1. Single-User Operating System = सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्‍टम वह ऑपरेटिंग सिस्‍टम होता है जिसमे एक समय मे एक ही यूजर Computer पर कार्य कर सकता है|एक Computer सिस्‍टम एक प्रोग्राम को तुंरत स्‍वीकार नही करता है जब तक कि उसकी पहचान न हो|इसके लिए सुचनाओ का साथ होना बहुत जरूरी है जिससे कि उस प्रोग्राम को पहचाना जा सके|अन्‍य Peripheral डिवाइस भी प्रोग्राम को एक्सिक्‍यूट् करने के लिए उन सुचनाओ की मांग करते है|यह सारे निर्देश एक विशेष जॉब कण्‍ट्रोल लैंगवेज मे लिख जाते है जिसे ऑपरेटिंग सिस्‍टम समझाता है|सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्‍टम वस्‍तुत: दो प्रकार होते है|पहली सिंगल यूजर सिंगल टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्‍टम जो एक ही यूजर तथा एक ही प्रोग्राम को एक समय मे एक्सिक्‍यूट् होने की परमिशन देते है|दूसरा सिंगल यूजर मल्‍टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्‍टम जो एक सिस्‍टम पर एक ही यूजर को एक से अधिक प्रोग्राम को एक्सिक्‍यूट् करने कि परमिशन देता है| इस सिस्‍टम मे प्रोग्राम एक लाइन मे व्‍यवस्थित रहते है|MS-DOS और Palm ऑपरेटिंग सिस्‍टम वास्‍तविक रूप से सिंगल यूजर सिंगल टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्‍टम था जबकि विंडोज सिंगल यूजर मल्‍टीटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्‍टम है|

2). Multi-User Operating System = मल्‍टीयूजर ऑपरेटिंग सिस्‍टम वह ऑपरेटिंग सिस्‍टम है जिसमें एक समय में एक से अधिक यूजर Computer पर कार्य कर सकता है|इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्‍टम का उपयोग तब होता है जब हम किसी नेटर्वक पर कार्य कर रहे है|इस ऑपरेटिंग सिस्‍टम पर प्रत्‍येक यूजर के लिए यूजर एनवायरमेंट होता है जिसे यूजर सेशन कहते है|प्रत्‍येक यूजर के एप्‍लीकेशन सर्वर पर उनके अपने यूजर सेशन एक्सिक्‍यूट् होते है जो अन्‍य यूजर सेशन से बिल्‍कुल अलग होते है|मल्‍टीयूजर ऑपरेटिंग सिस्‍टम एनवायरमेंट मे सभी या अधिकतर कंप्‍यूटिंग सर्वर पर होती है|यूनिक्‍स, लिनक्‍स, तथा मेनफ्रेम ऑपरेटिंग सिस्‍टम इसके उदाहरण है|

3).Multi-processing Operating System =  मल्‍टीप्रोसेसिंग शब्‍द का उपयोग प्रोसेसिंग view को स्‍पष्‍ट करने के लिए किया जाता है जहॉ पर दो या दो से अधिक प्रोसेसर एक दूसरे से जुडे रहते है|मल्‍टीप्रोसेसिंग ऑपरेटिगं सिस्‍टम वह है, जिसमें दो या दो से अधिक सी पी यू  Computer के कार्यो को कन्‍ट्रोंल करते है एक से अधिक प्रोसेसर का उपयोग Computer को तेजी से कैलकुलेशन करने की परमिशन देता है |इस प्रकार के सिस्‍टम मे भिन्‍न तथा स्‍वत्रंत प्राग्रामों के निर्देश एक ही समय मे एक से अधिक प्रोसेसर द्वारा एक्जिक्‍यूट किये जाते है या प्रोसेसर द्वारा विभिन्‍न निर्देशो को एक के बाद एक एक्जिक्‍यूट किया जाता है जो कि एक ही प्रोग्राम से प्राप्‍त हुए है|मल्‍टीप्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्‍टम सिंगल प्रोसेसर ऑपरेटिंग सिस्‍टम के समान कार्य करता है|यह ऑपरेटिंग सिस्‍टम अधिक तेज गति से कार्य को कर सकता है क्‍योंकि इसमे सभी कार्यो को अलग अलग प्रोसेसर मे बाट दिया जाता है|यह ऑपरेटिगं सिस्‍टम का ही कार्य है कि वह इनपुट, आउटपुट तथा प्रोसेसिंग क्षमताओं के बीच अच्‍छा तालमेल स्‍थापित करें|

4).Batch Operating System = बैच ऑपरेटिंग सिस्‍टम एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्‍टम है जो प्रोसेसिंग शुरू हाने से पहले एक बैच मे प्रोग्राम और डाटा को एक साथ जमा करता है|इस प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्‍टम मे प्रत्‍येक यूजर अपने प्रोग्राम को ऑफ़लाइन तैयार करता है तथा कार्य पूरा हाेने पर उसे डाटा प्रोसेसिंग सेन्‍टर(सी पी यू) मे सबमिट कर देता है|एक Computer ऑपरेशन उन सारे प्रोग्राम को एकत्र करता है जो एक कार्ड पर पंच होते है|एक ऑपरेटर प्रोग्रामो के इस बैच को Computer पर लोड कर देता है और फिर उन प्रोग्राम को एक-एक कर एक्जिक्‍यूट किया जाता है|इसमे सी पी यू अधिकतर इनएक्टिव हो जाते है क्‍योंकि मैकेनिकल इनपुट,आउटपुट डिवाइस की गति सी पी यू की तुलना मे धीमी होती है|बैच ऑपरेटिंग सिस्‍टम Computer से सीधे इंटरैक्‍ट नही करता है|एक ऑपरेटर है, जो आवश्‍यकताओ वाले कार्य को लेता है और उन्‍हे बैचो मे जमा करता है|

बैच ऑपरेटिग सिस्‍टम दो प्रकार के होते है-

1. Simple Batch Operating System
2. Multi-Programming Batch Operating System

5). Distributed Operating System = डिस्ट्रिब्‍यूटेड ऑपरेटिंग सिस्‍टम वे सिस्‍टम होते है, जो डेटा को स्‍टोर करते है और उनको बहुत सारे लोकेशन पर डिस्ट्रिब्‍यूटेड कर देते है|इससे डेटा प्रोसेसिंग का कार्य आसान हो जाता है|इस सिस्‍टम मे विभिन्‍न कम्‍युनिकेशन लाइन के माध्‍यम से प्रोसेसर एक-दूसरे के साथ कन्‍वर्सेशन करते है|इन ऑपरेटिंग सिस्‍टम का एक मुख्‍य लाभ यह है कि यूजर उन फाइलो तक भी पहुच जाता है जो वास्‍तव मे उसके सिस्‍टम पर मौजूद नही है|डिस्टि्रबयूटेड ऑपरेटिंग सिस्‍टम एक मॉडल है जो नेटर्वक ऑपरेटिंग सिस्‍टम का विस्‍तार है|डिस्ट्रिब्‍यूटेड ऑपरेटिंग सिस्‍टम मे ऑटोनमस् Computer सिस्‍टम का एक कनेक्‍शन शामिल है, जो LAN(Local Area Network)/WAN(Wide Area Network) के माध्‍यम से एक-दूसरे के साथ कम्‍यूनिकेशन करने मे सक्षम है|डिस्ट्रिब्‍यूटेड ऑपरेटिंग सिस्‍टम हार्डवेयर और Software दोनो एरर्स से निपटने की परमिशन देते है|डिस्ट्रिब्‍यूटेड ऑपरेटिंग सिस्‍टम के सबसे अच्‍छे उदाहरण LOCUS और MICROS है|

6). Real Time Operating System = रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्‍टम को एक डाटा प्रोसेसिंग सिस्‍टम के रूप मे डिफाइन किया जाता है|किसी भी इनपुट का जवाब देने के लिए सिस्‍टम द्वारा लिये गये समय को रिस्‍पॉन्‍स टाइम कहते है|रियल टाइम सिस्‍टम का उपयोग तब किया जाता है, जब प्रोसेसर के संचालन पर हार्ड टाइम की आवश्‍यकता होती है|रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्‍टम वह ऑपरेटिंग सिस्‍टम होते है जो  दिए गए समय मे कार्य को पूर्ण करता है|इनके कार्य करने की गति बहुत तेज होती है|टाइम शेयरिंग मल्‍टीप्रोग्रंमिंग का लॉजिकल विस्‍तार है|इस ऑपरेटिंग सिस्‍टम का उपयोग इन्‍डॅस्‍ट्री या वैज्ञानिक के कार्यो मे किया जाता है| 

रियस टाइम ऑपरेटिंग सिस्‍टम दो प्रकार के होते हैै-

1. Hard Real Time System
2. Soft Real Time System
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